लेखनी प्रतियोगिता -18-Jul-2023
#शीर्षक:- हो जाए निश्चित बेड़ा पार
पीछे हट जा रे मन,
कलह अगर खत्म हो जाये,
जग सुन्दर मधुमास रहे,
घोर अंधेरा छॅट जाये!
तेरे पीछे हटने से,
अगर भला किसी का हो,
मुक्ति मिलेगी इस जीवन में,
भले न भाव मोल का हो!
तीलियों से सजी घर- गृहस्थी में,
जो आग लगी,
पीछे हट एक तीली,
सोचने लगी....,
पूरा घर जल जाएगा,
हाथ हमारे राख आयेगा,
मैं पीछे हट,
श्रृंखला को तोड़कर,
बचे हुए को,
आग से बचाऊॅगी,
जो जल गये गम उनका भी है,
पर,
जो बच गए उन पर,
सुकुन भरी आह भर पाऊॅगी ,
हितकर हो जाए ,
सारा संसार,
जब स्वार्थ का दामन छोड़कर ,
सबकी खुशी का उठाए भार,
हो जाए निश्चित बेड़ा पार|
रचना मौलिक, अप्रकाशित, स्वरचित और सर्वाधिक सुरक्षित है|
"प्रतिभा पाण्डेय" चेन्नई
18/7/2023
Milind salve
19-Jul-2023 02:06 PM
Nice
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Gunjan Kamal
19-Jul-2023 03:33 AM
👌👏
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Varsha_Upadhyay
18-Jul-2023 10:03 PM
Nice 👍🏼
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